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"जनिये" डॉ भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय | Dr. Bhim Rao Ambedkar biography in hindi

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भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब नाम से भी जाना जाता है. अम्बेडकर जी उनमें से एक है, जिन्होंने भारत के संबिधान को बनाने में अपना योगदान दिया था. अम्बेडकर जी एक जाने माने राजनेता व प्रख्यात विधिवेत्ता थे. इन्होंने देश में से छुआ छूत, जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आन्दोलन किये. इन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों को दे दिया, दलित व पिछड़ी जाति के हक के लिए इन्होंने कड़ी मेहनत की. आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरु के कैबिनेट में पहली बार अम्बेडकर जी को लॉ मिनिस्टर बनाया गया था. अपने अच्छे काम व देश के लिए बहुत कुछ करने के लिए अम्बेडकर जी को 1990 में देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. अम्बेडकर जयंती या भीम जयंती, 14 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है, जो बी आर अम्बेडकर की स्मृति में मनाया जाता है।  यह बाबासाहेब डॉ। बी.आर.  अंबेडकर का जन्मदिन जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। 2015 से इसे पूरे भारत में आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।  अम्बेडकर जयंती केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनाई जाती है। 

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5 अप्रेल रविवार को रात 9 बजे सभी अपने अपने घर के लाइट बंद करके 9 मिनट के लिए अपने घर के बाल्कनी या दरवाजे पर दिया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाये।भारत की 130 करोड़ जनता एक साथ है। कोई भी इस कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अकेला नही है। #नरेंद्र_मोदी

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हमारे प्रधानमंत्री जी ने कोरोना के अंधेरे से लड़ने के लिए हमसे 5अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए साथ आने का आग्रह किया है, हमें ये करना है और जुड़ कर प्रकाश बनना है  5 अप्रेल रविवार को रात 9 बजे सभी अपने अपने घर के लाइट बंद करके 9 मिनट के लिए अपने घर के बाल्कनी या दरवाजे पर दिया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाये। भारत की 130 करोड़ जनता एक साथ है। कोई भी इस कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अकेला नही है। #नरेंद्र_मोदी                       (किसी भी जानकारी के लिए Comment                                     जरूर करें🙏🏼)               Aapka: Amit A4U               Mob:76 72 920 920 

मोबाइल फोन क्या होता हैं?(Mobile Kya Hai?) – मोबाइल फोन के अविष्कार और इतिहास से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में!

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मोबाइल फोन क्या होता हैं?(Mobile Kya Hai?) – मोबाइल फोन के अविष्कार और इतिहास से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में! दुनिया का सबसे पहला मोबाइल फोन 1973 में मोटोरोला कम्पनी के इंजीनियर John F. Mitchell और Martin Cooper द्वारा बनाया गया था। आज हमारे दैनिक जीवन में एक चीज़ का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, इसके बिना हमारे बहुत से कार्य रूक जाते है। वैसे तो यह इतनी छोटी चीज़ है कि हमारी जेब में भी आसानी से आ जाती है परन्तु इसके द्वारा किये जाने वाले कार्य बहुत ही बड़े है। यह हमेशा एक सच्चे दोस्त की तरह हमारी मदद के लिए तैयार रहता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन है जो हमारे लिए इतना अहम है और हमेशा हमारी मदद भी करता है। हम बात कर रहे है मोबाइल फोन की, आज के समय में कुछ लोगों की जिंदगी में तो मोबाइल का इतना महत्व हो गया है कि यदि यह उनसे एक पल के लिए भी दूर हो जाये तो वे बैचेनी महसूस करने लग जाते है। मोबाइल न सिर्फ हमे देश-दुनिया और परिवार वालो से जोड़कर रखता है बल्कि यह हमे हर सवालों के जवाब, मनोरंजन आदि भी उपलब्ध कराता है। आज हम आपको इसी Mobile Ka Arth और Mobile Ki Jankari Hindi Mein द...

दिवस: आज ही के दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने फांसी के फंदे को चूमा था

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शहीद दिवस: आज ही के दिन भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने फांसी के फंदे को चूमा था 23 मार्च का दिन भारत के इतिहास में बेहद खास दिन है। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1931 में आज ही के दिन भारत में ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने में अपना अहम किरदार निभाने वाले तीन महान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटकाया गया था। उसी के बाद से से हर साल 23 मार्च को बलिदान दिवस मनाया जाता है। आज इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के इन वीर जवानों की शहादत को नमन करते हुए लिखा,” शहीद दिवस पर मां भारती के महान सपूत वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को कोटि-कोटि नमन। देश के लिए उनका बलिदान कृतज्ञ राष्ट्र सदा याद रखेगा। जय हिंद!।”

कोरोना को लेकर मैट्रिक की परीक्षा का मूल्यांकन कार्य बंद, BSEB ने लिया फैसला

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कोरोना महामारी के मद्देननजर किए गए लॉकडाउन के बाद बिहार में मैट्रिक की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य भी 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। इसका फैसला बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने लिया है। जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को लेकर यह फैसला लिया गया है। इसकी जानकारी देते हुए बीएसईबी यानी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि मैट्रिक की कॉपियों का मूल्यांकन के साथ ही बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को भी 31 मार्च तक बंद कर दिया है।                    By Amit A4U